About Us

अपने भविष्य को जानने की इच्छा सभी के मन में रहती है और इसे जानने का एक मात्र साधन ज्योतिषशास्त्र है। ज्योतिषशास्त्र के कई भाग हैं जिनमें वैदिक ज्योतिष को सबसे प्राचीन माना जाता है।

इस ज्योतिष विद्या का नाम वैदिक ज्योतिष इसलिए पड़ा है क्योंकि इसकी उत्पत्ति वेदों से हुई है। वेदों की संख्या चार है जिनमें ऋग्वेद सबसे प्राचीन है। ऋग्वेद में ज्योतिष से संबंधित 30 श्लोक हैं। यजुर्वेद में 44 और अथर्ववेद में 162 श्लोक मिलते हैं।

Read More
What We Offer

जानिए ज्योतिष क्या है और जीवन में ग्रहों की कैसी होती है भूमिका ?

ज्योतिष विज्ञान के अन्वेषक महर्षियों ने इस ब्रह्माण्डीय ऊर्जा प्रवाहों को चार चरणों वाले सत्ताइस नक्षत्रों, बारह राशियों एवं नवग्रहों में वर्गीकृत किया है।